Road Traffic Injuries, दुनिया में मौत का 8वां सबसे बड़ा कारण है। भारत में दुनिया के सिर्फ 1% व्हीकल हैं, लेकिन दुनिया के टोटल रोड एक्सीडेंट में Top पर है! वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में, हर साल, रोड एक्सीडेंट में तकरीबन 1.3 मिलियन लोगों की जान जाती है। और तकरीबन 20 से 50 मिलियन लोग, इंजरी की वजह से, डिसेबल हो जाते हैं। भारत में रोड सेफ्टी के बारे में लोगों को अवेयर करने के लिए, आज से 17 जनवरी तक रोड सेफ्टी वीक मनाया जा रहा है। आज इंटरनेशनल थैंक यू डे, भी सेलिब्रेट किया जा रहा है, तो बताएं कि, आप किसी को थैंक्स- दिल से बोलते हैं, या फिर एक जिम्मेदारी या ट्रेंड समझकर। A- वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 4.5 लाख रोड एक्सीडेंट होते हैं, जिनमें लगभग 1.5 लाख लोग मारे जाते हैं। यानी हर घंटे 53 रोड एक्सीडेंट और हर 4 मिनट में 1 व्यक्ति की मौत होती है। अगर पिछले एक दशक की बात करें, तो भारत की सड़कों पर 13 लाख लोगों की मौत हुई और 50 लाख जख्मी हुए हैं। ट्रैफिक रूल हर कोई जानता है, लेकिन हेलमेट नहीं पहनना है, क्योंकि हेयर स्टाइल खराब हो जाएगा! फुल टशन न दिखे सड़कों पर, तो फायदा क्या नई गाड़ी लेने का! ऐसी कई बातें, हमारे लिए आम हैं! हाल ही में, इसी लापरवाही का एक, चौंकाने वाला, दिल्ली का रोड एक्सीडेंट केस सामने आया है! अगर कार चालक, कार से उतर कर, टू व्हीलर पर सवार व्यक्ति को चेक कर लेते, तो लड़की की जान बच जाती! इसलिए मानवता और सहानुभूति रखते हुए पीड़ित की मदद के लिए आगे आना भी, हमारा कर्तव्य है!
कई बार दूसरों की वजह से एक्सीडेंट होते हैं, लेकिन अगर आप सतर्क हैं, तो आप बच सकते हैं। सतर्क रहना, लूजर की निशानी नहीं है! रैश ड्राइविंग करते समय याद रखें कि घर पर, आपके अपने, आपका इंतजार कर रहे हैं! निश्चय ही, जब आप घर से निकले होंगे, तो उन्होंने आपको कहा होगा कि -संभल कर जाना! एक्साइटमेंट होना लाजिमी है, लेकिन ध्यान रखें कि कहीं आपकी लापरवाही की वजह से, आपके पेरेंट्स और पार्टनर ने, जो आपके लिए सपने देखे हैं, आप उन्हें न तोड़ दें! क्या आप यह चाहते हैं कि आपके नहीं होने के बाद, पूरा परिवार बिखर जाए या फिर वो आपको याद करके दुखी हो? यह अच्छा है कि आजकल व्हीकल, लोगों से जबरदस्ती रोड सेफ्टी रूल फॉलो करवा रहे हैं! जैसे अगर शराब पी है या फिर सीट बेल्ट नहीं लगाई है, तो गाड़ियां स्टार्ट नहीं होंगी! आइए इस रोड सेफ्टी वीक में, दुर्घटनाओं को रोकें, इससे पहले कि वो आपको रोक दें। हेवी प्रो ड्राइवर नहीं, बल्कि समझदार ड्राइवर बनें और जिंदगी के उपहार के लिए थैंकफुल रहें! B- साइंटिफिक फैक्ट है कि थैंकफुल और ग्रेटफुल होने वाले इंसान फिजिकली और मेंटली ज्यादा हेल्दी होते हैं। और किसी का थैंकफुल होने, के लिए साल के पहले महीने से, बेहतर समय, और क्या हो सकता है? हर साल, 11 जनवरी को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय धन्यवाद दिवस का इतिहास बहुत पुराना है। माना जाता है कि ‘‘धन्यवाद’’ शब्द का ओरिजन 450 और 1100 ईस्वी के बीच हुआ था! जो दोस्तों या परिवार को संदेश भेजने के ट्रेंड से 1400 के दशक में पॉपुलर हो गया! इसका इतिहास, पेपर कार्ड से जुड़ा है, जब 105 ईस्वी में पेपर का आविष्कार हुआ था, क्योंकि इन्हीं पन्नों पर लिखकर संदेश भेजे जाते थे! हालांकि, साल 1994 में इलेक्ट्रॉनिक ग्रीटिंग कार्ड्स भी इन्वेंट हो गए।
आभारी होना, सबसे अच्छी चीजों में से एक है, क्योंकि इसका सबसे ज्यादा लाभ हमें ही होता है। स्ट्रेसफुल, बिजी लाइफ में, ग्रैटिट्यूड, वो शैल्टर है, जहां आप खुशी और शांति से आराम कर सकते हैं। धन्यवाद को एक एहसान की तरह न देखें। आप थैंक्स बोलकर खुश रहना चाहते हैं, या फिर गुस्से या अहंकार में, दुखी होना चाहते हैं, यह आपकी चॉइस है! महात्मा गांधी जी ने कहा था कि ‘‘एक कायर प्रेम प्रदर्शित करने में असमर्थ होता है, यह बहादुर का विशेषाधिकार है! घर पर आपका हर काम करने वाली मां या हाउसमेकर, आपकी खुशियां खरीदने के लिए जी-तोड़ मेहनत करने वाले पिता और जीवनसाथी, आपकी स्कूल या कॉलेज की असाइनमेंट बनाने में हेल्प करने वाले आपके भाई-बहन और दोस्तों से लेकर, आपके घर पर काम करने वाले, सरवेंट, और सोसायटी का हर शख्स, आपके आभार का हकदार है! भले ही, उन्होंने कभी आपको इरिटेट किया हो, लेकिन आज उन्हें थैंक्स बोलने का मौका न गवाएं! द रेवोल्यूशन -देशभक्त हिंदुस्तानी, हर उस भारतीय का धन्यवाद करता है, जिनके रेवोल्यूशनरी एक्ट, न्यू इंडिया बना रहे हैं!